Pavagadh Steps Without Ropeway: पावागढ़ (Pavagadh) महाकाली मंदिर गुजरात के पंचमहल जिले में स्थित है यह वड़ोदरा से 55 किमी के अंतर पर स्तिथ हैं, मंदिर तक पहुंच ने के लिए यहाँ पर सीढ़िया और रोपवे की मदद से दर्शन करने के लिए जाया जा सकता हैं।
जैसे की हमने देखा पावागढ़ गुजरात के पंचमहल जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है यह मुख्य रूप से हिंदू श्रद्धालु के लिए एक विशेष महत्त्व रखता है क्यों की यहाँ माता काली का प्रसिद्ध मंदिर हैं, पावागढ़ का पहाड़ियां प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक और धार्मिक आस्था का एक संगम हैं।
पावागढ़ (Pavagadh) की इस यात्रा में हम पावागढ़ का इस्तिहस, पावागढ़ का ऐतिहासिक महत्त्व और यहाँ कैसे यात्रा करे और यात्रा के दौरान हमें कौनसी जगह देखनी चाहिए और यहाँ माता के दर्शन के लिए कितनी सीढ़ियाँ चढ़के जाना होता है वो सबकुछ जानकारी हम इस पोस्ट में प्रदान करने वाले हैं।
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Pavagadh Steps Without Ropeway
अक्षर लोगो का प्रश्न होता है की पावागढ़ कितनी सीढ़ियाँ हैं? तो दोस्तों पावागढ़ महाकाली का मंदिर 2600 फिट ऊपर पहाड़ी पर है, यहाँ तक पहुंच ने के लिए आपको आधा सफर बस या प्राइवेट वाहन की मदद से करना है, उसके बाद का आधा सफर आप 1800 सीढ़ियाँ की मदद से कर सके हो, अगर आपको सीढ़ियाँ के बिना जाना है तो यहाँ पर रोपवे की व्यवस्था यात्रियों के लिए की गई हैं।
पावागढ़ (Pavagadh) का इतिहास
पावागढ़ (Pavagadh) स्थल हिंदू धर्म के लिए एक पवित्र शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, पावागढ़ का अर्थ है पवन का घर यह नाम प्राचीन समय में इसलिए दिया गया था क्योंकि यहाँ हवा का जोर ज्यादा होता है उसे वजह से पावागढ़ को हवा का गढ़ भी कहा जाता था।
पौराणिक कथाओं और मान्यता के अनुसार पावागढ़ का क्षेत्र महाभारत काल से पहले का है, पावागढ़ पर्वत पर देवी माता काली की पूजा आदिकाल से होती आ रही है, पावागढ़ का इतिहास को देखे तो यह मुख्य रूप से चावड़ा वंश से करीब 10 शताब्दी से चालू हुवा माना जाता हैं चावड़ा वंश ने यहां पर 10 वी शताब्दी में शासन किया था।
उसके अलावा 12वीं शताब्दी में यहां पर सोलंकी वंश ने पावागढ़ प्रशासन किया था उस समय के दौरान उन्होंने यहां पर जैन धर्म के कई मंदिर की स्थापना की हुई थी और आज भी उन मंदिरो को विशेष स्थापत्य कला और प्राचीन कलाकृति के रूप में देखा जाता हैं।
पावागढ़ (Pavagadh) को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई है, यह स्थल भारतीय संस्कृति वास्तु कला और प्रकृति के सौंदर्य का एक अद्भुत उदाहरण है, यहाँ पर आपको मज्सिद, मंदिर, तालाव, जरने पुराने किल्ले के साथ गुफा देखने को मल्टी है उसे वजह से स्थल को यूनेस्को के द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है
आज के समय में देखे तो पावागढ़ एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है क्योंकि यहां यात्री को और लोगों को यहां के मंदिर के लिए और प्राकृतिक वातावरण ज्यादा आकर्षित करते हैं उसे वजह से सरकार ने यहां पर सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कई विकास कार्य किए हैं। ज्यादा पढ़े पावागढ़ (Pavagadh) का इतिहास
पावागढ़ (Pavagadh) में घूमने लायक जगह
पावागढ़ एक ऐसा स्थान है जो ऐतिहासिक इमारत धार्मिक मंदिर और प्रकृति का एक अनोखा संगम है, उसके अलावा भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीता जागता एक प्रमाण है, उस वजह से यात्रा के दौरान कई सुंदर और आवश्यक स्थल की यात्रा करना आपके यात्रा को यादगार बना सकता है उस वजह से हमने यहाँ पर पावागढ़ में देखने वाले मुख्य स्थान को दिखाया हैं।
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पावागढ़ का किला
पावागढ़ (Pavagadh) का किला पावागढ़ की पहाड़ी पर स्थित है यह किला सैनिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण रखता है और पावागढ़ का यह किला एक प्राचीन दुर्ग है जिले में विशेष रूप से देखें तो आज भी किले की दीवारें दरवाजे और अन्य रचनाएं आज भी देखी जा सकती है।
माता कालिका मंदिर पावागढ़
पावागढ़ (Pavagadh) में माता महाकाली का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक मंदिर है यह मंदिर पावागढ़ पर्वत की चोटी पर स्थित है यहां तक पहुंचाने के लिए आपको दो रास्ते मिलते हैं जिन में एक 1800 सीढ़ियाँ चढ़कर जाने का रास्ता हैं और दूसरा रोपवे की मदद से मंदिर तक यात्रा की जा सकती हैं।
यहां माता कालिका मंदिर नवरात्रि के दौरान यहां पर भक्तों की बड़ी भीड़ रहती है, माता के दर्शन के लिए लोग यहाँ पर घंटे इंतजार करते हैं, अगर आप सीढ़ियाँ की मदद से माता के दर्शन के लिए जाते हैं तो आपको रास्ते में कई तरह के एडवेंचर हरियाली और सुंदर जरने देखने को मिलते हैं।
जैन धर्म के मंदिर पावागढ़
12 वीं शताब्दी में यहां पर सोलंकी वंश ने प्रशासन किया था उसके दौरान यहां पर कई जैन धर्म के मंदिर को बनाया गया था उसे वजह से पावागढ़ (Pavagadh) में कई जैन मंदिर होने के कारण यह धार्मिक व्यवस्था का एक प्रमाण है और आज भी यहां जैन स्थापत्य कला की मूर्तियों के साथ-साथ मंदिर और जैन वास्तु कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण यहां पर आपको देखने को मिलता है।
चंपानेर पुरातत्व उद्यान
चंपानेर पावागढ़ (Pavagadh) पूरा स्वामी ज्ञान मैं मुख्य रूप से मच्छी दे प्राचीन किले और मंदिर के साथ-साथ जलाशय शामिल होने के कारण यह स्थल को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया है यहां पर जमा मस्जिद नगीना मस्जिद के अलावा किले के विशेष अवशेष देखने को मिलते हैं।
रोपवे यात्रा पावागढ़ में
माता काली के दर्शन के लिए जाने के लिए यहां पर रोड पर यात्रा उपलब्ध है पावागढ़ की छोटी तक पहुंचाने के लिए रोपवे किया यात्रा रोमांचक और सुविधाजनक एक बेहतरीन विकल पर है यात्रा के दौरान आप पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्र के अद्भुत नजारा और दृश्य को देख सकते हो जो आपके यात्रा को एक यादगार यात्रा बना सकता हैं।
जंधन माँ मंदिर पावागढ़ में
जंधन माँ मंदिर पावागढ़ का एक क्षेत्र है जो भक्तों के लिए और धार्मिक दृष्टि से यह मंदिर का बेहद ज़्यादा महत्वपूर्ण स्थान है यह स्थान पर पौराणिक मान्यता और सुंदरता के लिए लोक प्रसिद्ध है अगर आप पावागढ़ की यात्रा करते हैं तो यह मंदिर को देखना ना भूले।
माची पॉइंट पावागढ़ में
माची पॉइंट पावागढ़ (Pavagadh) में बेहद ज्यादा पर्यटक के लिए प्रसिद्ध है यह पॉइंट पर आप पावागढ़ के आसपास के दृश्य को देख सकते हैं उसके अलावा यह स्थान सूर्योदय और सूर्यास्त के लिए बेहद खास है क्योंकि यहां से आपको बेहद सुंदर सूर्योदय और सूर्यास्त बेहद सुंदर खरीद से देखने को मिलता है।
कबूतर खाना पावागढ़ में
कबूतर खाना पावागढ़ (Pavagadh) की पहाड़ियों में स्थित एक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला स्थान है यहां आपको ऐतिहासिक और अद्भुत वास्तु कला देखने को मिलती है जो पर्यटक को बेहद ज्यादा आकर्षित करती है इस वजह से यह स्थान का पर्यटक के लिए बेहद ज्यादा महत्व है।
पत्थर की सुंदर गुफाओं पावागढ़ में
पावागढ़ (Pavagadh) में आपको कई प्राचीन पत्थर की गुफाओं देखने को मिलती है यह गुफाओं प्राचीन इतिहास और वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटक का ध्यान खींचता है उसे वजह से यह पत्थर के उपाय बेहद ज्यादा आकर्षित है।
कुंड और सुंदर तालाब पावागढ़
पावागढ़ में विभिन्न कुंड और जलाशय है जिनमें से मुख्य दूधिया तालाब और सूर्यकुंड बेहद ज्यादा लोक प्रसिद्ध है, यह तालाब पहाड़ी के ऊपर बसे हुए हैं और इनका पानी दूधिया रंग का दिखता है उसे वजह से यह तालाब को दूधिया तलाव से भी जाना जाता है और यह पानी का स्रोत होने के साथ-साथ इन्हें धार्मिक दृष्टि से भी पवित्र माना जाता है।
पावागढ़ (Pavagadh) में घूमने जाने का सबसे अच्छा समय
जैसे कि हमने देखा पावागढ़ (Pavagadh) एक प्रकृति की सुंदरता और धार्मिक महत्व का एक संगम है, लेकिन यहां मौसम के हिसाब से यात्रा करने से आपकी यात्रा का अनुभव को बेहतरीन बनाने के लिए सही समय पर यात्रा करना आपकी यात्रा को यादगार बन सकता है।
अक्टूबर से फरवरी का समय
अक्टूबर से फरवरी के दौरान यहां सर्दियों का मौसम होता है जिस वजह से यहां पर यात्रा करना आदर्श माना जाता है या मौसम के दौरान यहां पर ठंडी का एहसास आपको हो सकता है जिससे आपकी यात्रा बेहद अच्छी हो सकती है।
सर्दियों के मौसम के कारण यहां पर पहाड़िया हरी-भरी और हरियाली के साथ साफ मौसम और सुंदर दृश्य आपको देखने को मिलते हैं और नवरात्रि के आसपास यहां पर भक्तों की भारी भीड़ रहती है जिससे मंदिर का वातावरण बेहद ज्यादा भक्ति में हो जाता है।
मार्च और जून का समय
मार्च से जून का समय पावागढ़ (Pavagadh) में गर्मियों का मौसम होता है जिससे आपको यह मौसम में ज्यादा कठनाइयां हो सकती है गर्मियों के मौसम के दौरान यहां का तापमान तकरीबन 30 डिग्री से 40 डिग्री तक पहुंच जाता है जो सड़क के दौरान आपको और सुविधा पैदा कर सकता है, अगर आपको यहां पर गर्मियों के दौरान यात्रा करनी है तो आप अपनी यात्रा सुबह या शाम के दौरान कर सकते हो जिससे आपको ज्यादा करने का सामना न करना पड़े
जुलाई से सितंबर का समय
जुलाई से सितंबर का पावागढ़ (Pavagadh) का वातावरण मानसून का होता है मानसून के दौरान यहां पर आपको ज्यादा प्राकृतिक सौंदर्य और चरणों का मजा ले सकते हो क्योंकि मानसून के दौरान बारिश की वजह से यहां का वातावरण और प्रकृति बेहद ज्यादा सुंदर और हरियाली दिखती है।
पावागढ़ (Pavagadh) तक पहुंच ने के लिए यात्रा की जानकारी
मुख्य रूप से पावागढ़ पहुंचने के लिए सड़क मार्ग रेल मार्ग पर हवाई मार्ग की व्यवस्था है जिससे आप भारत से किसी भी स्थान से पावागढ़ के लिए आसानी से यात्रा कर सकते हो क्यू की पावागढ़ कई गुजरात के बड़े शहर के साथ कई माध्यम से जुड़ा हुवा हैं।
सड़क मार्ग के माध्यम से पावागढ़ की यात्रा
पावागढ़ पहुंचने के लिए सड़क मार्ग एक आसान तरीका है बड़ोदरा से पावागढ़ की दूरी लगभग 55 किलोमीटर है और अहमदाबाद से लगभग 55 किलोमीटर है यहां पर आपको स्थानीय बस और टैक्सी के माध्यम से आप वड़ोदरा से अहमदाबाद से आसानी से पावागढ़ तक सड़क मार्ग से खा सकते हैं।
रेल मार्ग के माध्यम से पावागढ़ की यात्रा
पावागढ़ का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन वडोदरा है जो देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है बड़ोदरा तक आने के लिए आपको देश के हर जगह से ट्रेन के माध्यम से आया जा सकता है और वडोदरा से आप आसानी से गुजरात रोड परिवहन मार्ग निगम के द्वारा संचालित बस के माध्यम से या प्राइवेट वाहन की मदद से आप वडोदरा से पावागढ़ तक की यात्रा कर सकते हो।
हवाई मार्ग की मदद से पावागढ़ की यात्रा
पावागढ़ का निकटतम हवाई अड्डा वडोदरा हवाई अड्डा है और यहां आपको देश के बड़े-बड़े शहरों से हवाई मार्ग की मदद से आप बड़ोदरा तक आ सकते हो उसके बाद आप बस या खान की वहां के मदद से बड़ोदरा तक आ सकते हो यह दूर से आने के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
पावागढ़ (Pavagadh) की यात्रा के लिए कुछ सुझाव
अगर आप धार्मिक यात्रा कर रहे हैं तो आपके लिए नवरात्रि यानी अक्टूबर या अप्रैल के दौरान का समय आपके लिए धार्मिक यात्रा के नजरिया से अच्छा हो सकता है क्योंकि नवरात्रि के दौरान मंदिर में विशेष पूजा अर्चना और उत्सव मनाया जाता है।
अगर आप प्रकृति का आनंद लेना चाहते हो तो आपके लिए बारिश यानी मानसून और सर्दियों का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि तब यहां पर यात्रा करना आपको बेहद सुंदर प्रकृति और सुंदर कब होगा का एहसास कराता है।
पावागढ़ की यात्रा के दौरान आवश्यक सामान साथ रखें जिनमें पानी दवाइयां और अन्य आवश्यक चीजों को साथ में रखना जरूरी है जिससे आपको चढ़ाई के दौरान जरूरत पड़ने पर आप उनका उपयोग कर सके।
पावागढ़ एक पर्वत थल होने के कारण आपके दर्शन करने के लिए सीढ़ियां की मदद से ऊपर पहाड़ी पर जाना होता है उसे वजह से ज्यादा थकान का सामना न करना पड़े इसलिए आपको आरामदायक कपड़े और आरामदायक जूते पहनना चाहिए।
पावागढ़ की यात्रा के दौरान अगर आप शोभा यात्रा चालू करते हैं तो यह समय आपके लिए सर्वश्रेष्ठ हो सकता है क्योंकि सुबह के वक्त यहां पर आपको अच्छी प्रकृति और ठंडक का एहसास होता है जिससे आपको सदई के दौरान ज्यादा थकान नहीं होती है।
अगर आपके लिए सीढ़ियां चढ़ना कठिन है तो पावागढ़ में आप तो रुपए का उपयोग करके यह यात्रा को आनंद में और यादगार बना सकते हो उसे वजह से पावागढ़ में यात्रा के लिए रूप में का भी विकल्प उपलब्ध है।
निष्कर्ष
जैसे की हमने पावागढ़ का इतिहास और पावागढ़ का ऐतिहासिक महत्व के साथ Pavagadh Steps Without Ropeway के बारे में जानकारी प्रदान की है जिसे मालूम होता है की पावागढ़ धार्मिक स्थल के साथ एक प्रकृति प्रेमी और एडवेंचर के साथ स्थापत्य कला का एक अदभुत प्राचीन समय से आज तक पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुवा हैं।
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FAQ
पावागढ़ कहां स्थित हैं?
पावागढ़ गुजरात के पंचमहल जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है जो लोगो को आकर्षित करता है, यह पहाड़ी स्थल वड़ोदरा से करीब 50 किलोमीटर दूर हैं।
पावागढ़ में कौन-कौन से प्रमुख पर्यटक स्थल हैं?
पावागढ़ में मुख्य आकर्षित स्थल में माँ काली का प्राचीन मंदिर, चंपानेर पुरातात्विक उधान, जैन मंदिर, पावागढ़ का किला और दूधिया तलाव पर्यटक का मुख्य केंद्र हैं।
पावागढ़ में कितनी सीढ़ियाँ हैं?
पावागढ़ में तकरीबन 1800 सीढ़ियाँ हैं जिन की मदद से माँ काली के दर्शन के लिए पहुंचा जा सकता हैं।
पावागढ़ यात्रा का सबसे अच्छा समय कौन सा हैं?
पावागढ़ दर्शन के लिए अक्टूबर से फरवरी का वक्त अच्छा माना जाता है, उसके अलावा जुलाई से सितंबर में बरसात का वक्त यहाँ प्रकृति का नजारा के लिए अच्छा वक्त माना जाता हैं।
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