Bagdana Temple बगदाना मंदिर का इतिहास संपूर्ण जानकारी

Bagdana Temple : गुजरात के भावनगर जिले के महुवा तालुका में स्थित बगदाना गांव में बगदाना मंदिर है, यह गांव बजरंगदास बापू के आश्रम और मंदिर के कारण तेजी से प्रसिद्ध हो रहा है, यह मंदिर बजरंगदास बापू को समर्पित है, जिन्हें बापा सीताराम के नाम से भी जाना जाता है, संशिप्त में कहे तो यह एक ऐसा स्थान है जिसे भक्तों के लिए प्रमुख तीर्थ माना जाता है उस वजह से लोग यहाँ दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते है।

Bagdana Temple बगदाना मंदिर का इतिहास

Bagdana Temple गुजरात का एक लोकप्रिय तीर्थ धाम है क्यों की यहाँ पर बजरंगदास बापा का पवित्र स्थान और मंदिर है, यह मंदिर महुवा से 32 किमी के अंतर और भावनगर जो बगदाना गांव का जिला है जिसे दुरी 80 किमी है यहाँ पर आप बस के माध्यम या अपने विहिकल की मदद से पहोस सकते हो

यह मंदिर का निर्माण साधारण मधुली के रूप में बापा ने 1977 में किया था वर्तमान में इस थान पर बड़ा मंदिर का निर्माण किया गया है जो बापा को समर्पित किया गया है।

यहाँ मंदिर के साथ मंदिर ट्रस्ट के द्वारा भोजनालय, धर्मशाला, गौशाला और उसके आलावा कई सरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों को किया जाता है, यह मंदिर की विशेष खसयत यहाँ पर 24 घंटे निःशुल्क भोजन और रात को रुकने के लिए धर्मशाला का निःशुल्क प्रबंध किया गया है

बजरंगदास बापू के जीवन का परिचय

  • बजरंगदास बापू का जन्म 1906 में भावनगर के पास छोटासा गांव अधेवाड़ा में हुवा थ, जहा उन्होंने अपना बचपन को बिताया था
  • बजरगदास बापा ने दूसरी कषा में अपनी शिक्षा को छोड़ दिया था और सिर्फ 11 साल की उम्र में अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर निकल पड़े थे तब वो भक्तिराम बजरंगदास बापा के नाम से मशहूर हो गए थे।
  • बजरंगदास बापू बचपन से ही बड़े आध्यात्मिक और भक्तिभावी थे आध्यात्मिकता प्रत्ये उनको बहुद जायदा लगाव था उस वजह से बजरंगदास बापू ज्यादातर अपना वक्त भक्ति में बिताते थे
  • बजरगदास बापा ने अपने जीवल की सरुआत के दिनों में नासिक कुंभ मेला, पालीताना, अयोध्या और सूरत जैसे कई जगहों का दौरा किया था
  • जैसे वक्त गुजरता गया और बजरंगदास बापू ने 1941 में बगदाना गांव में रहने लगे, बजरंगदास बापू ने रहने के लिए छोटी कुटिया का निर्माण किया जिसे बगदाना में रह सके।
  • फिर बजरगदास बापा 1941 में वापस बगदाना आएं और यही छोटी सी मधुली ने रहने लगे और बापा ने यह जगह को इस लिए चुना था क्यों की यहाँ पर बगड़ नदी के त्रिवेणी संगम और बगदेश्वर महादेव और बगदम ऋषि आश्रम की आध्यात्मिकता को ध्यान में रकते हुवे चुना था
  • समय के साथ लोगो के भाव के कारण यह छोटी सी कुटिया को आश्रम में परिवर्तित किया गया जिसे लोग बजरंगदास बापू के साथ भक्ति करने के लिए आ सके और आश्रम को 1951 में स्थापित किया गया था।

आश्रम के पास मंदिर और अन्य रचना

Bagdana Temple बजरंदास बापू के मंदिर के आसपास ऐसी कई संरचना शामिल है, जिनका एक अद्भुत और अनमोल इतिहास है, मंदिर के आसपास ऐसे कई धार्मिक मुर्तिया और स्थान है जिन में शामिल है।

मुख्य मंदिर : अगर आप मुख्य मंदिर को देखते है तो उन में हनुमान जी और गणेश जी की मुर्तिया मुख्य मंदिर में बिराजमान है, तो जभी आप बगदाना में बजरंगदास बापा के दर्शन करने के लिए जाते हो तो आपको सबसे पहले मंदिर में हनुमाजी और गणेश जी के दर्शन करने को मिलेंगे

बजरंदास बापू की समाधी : जैसे ही आप मुख्य मंदिर का दर्शन करने के बाद आगे बढ़ते है तो आपको यहाँ बजरंदास बापू की समाधी मिलेगी जिंनका दर्शन करना मत भूलना क्यों की यहाँ बजरंदास बापू ने अपने आश्रम की सरुआत की थी उस लिए यह पवित्र स्थान पर बजरंदास बापू की समाधी बनाई गई है।

मंदिर के पास ध्यान मंदिर : मंदिर के ट्रस्ट के द्वारा भक्तो के लिए विशेष रूप से ध्यान मंदिर का निर्माण किया है, जिसे आने वाले भक्त और यात्रलु यहाँ आराम से बजरंदास बापू की भक्ति कर सके और यह यात्रलु के लिए और स्थानीय लोगो के लिए ध्यान मंदिर का निर्माण किया गया है।

History of Bagdana Temple

राम-जानकी और लक्ष्मण मंदिर : यहाँ पर मंदिर के पास राम माता जानकी और लक्ष्मण जी के साथ हनुमान जी का रामायण के प्रमुख चित्रों का समर्पण किया है, जिसे यात्रालु यह मंदिर में दर्शन कर सके।

History of Bagdana Temple

बजरंदास बापू की कुटिया : यहाँ मंदिर के पास बजरंदास बापू के कुटिया है यह वो स्थान है जहा बजरंदास बापू ने Bagdana Temple में अपने आश्रम की सरूत की थी और यह स्थान को सुरक्षित रखा गया है जिसे आने वाले पढ़ी को इनके दर्शन का लाभ मिल सके। और लोगो का बजरंदास बापू के प्रति श्रद्धा बनी रहें।

बजरंदास बापू की चरण पादुका : यह मंदिर के पास बजरंदास बापू के निशान के रूप में उनकी चरण पादुका और उन्होंने अपने जीवन काल में उपयोग में लिए हुवी चीजों को सुरक्षित रखा है जिसे उनकी महिमा और उनके दर्शन यात्रा कर सके।

बगदेश्वर महादेव मंदिर और गंगाजलिया कुंड का परिचय

Bagdana Temple के पास स्थित एक मंदिर और कुंड है, जीमने बगदेश्वर महादेव मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है और उसके पास गंगाजलिया कुंड जो एक पवित्र जलाशय है यह बगड़ नदी और हडमतालु और सरस्वती नदियों के संगम स्थान से बना हुवा है, गंगाजलिया कुंड धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्यों की रक्षाबंधन के अवसर पर विशेष स्नान और पूजा का आयोजन होता है।

बगदाना में साल में आयोजित होने वाले मेले

बगदाना में मुख्य रूप से साल में कई अहम और धार्मिक कार्य और मेले को किया जाता है और यह यहाँ की संस्कृति और आध्यात्मिकता के कारण साल में आयोजित होता है जिनमे मुख्य रूप से।

  • बजरंदास बापू की पुण्यतिथि
  • भाद्रपद अमावश्या
  • गुरु पूर्णिमा

यहाँ पर यह महोस्तव के उजवणी से पहले यहाँ पर खूब तैयारियां की जाती है, मंदिर के ट्रस्ट के मुताबिक यहाँ पर श्रद्धालु को प्रसाद और रहने के लिए और पार्किंग के लिए सुविधा मिल सके उस लिए आस पास के गांव के अंदाजित 700 से संयम सेवक हाजिर होते है और हर लोगो को ग्रुप में विभाजित करके उनके कार्य को सोपा जाता है।

यहाँ पर मंदिर में मध्यान भोजन में महिलाओ और पुरुष के लिए प्रसाद ग्रहण करने के लिए अलग-अलग व्यवस्था होती है जिसे भक्तो को कोई समस्या न हो और यहाँ पर भोजन के साथ साथ रहने के लिए गृह आश्रम भी है।

बगदाना मंदिर की मुख्य विशेषताओं

यह मंदिर की विशेषता है उस वजह से यह मंदिर सालो से धार्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण यात्रा धाम है और यहाँ पर उत्सव में लाखो की संख्या में लोग यहाँ पर दर्शन करने के लिए आते है क्यों की यह मंदिर की विशेषताओं अद्भुत है।

  • यहाँ पर 24 घंटे प्रसाद के रूप में निःशुल्क रूप से भोजन मिलता है
  • यहाँ पर निःशुल्क रूप से आपको रहने के लिए अतिथि गृह मिलता है।
  • यह आश्रम सेवा और भक्ति और बजरंगदास बापू की भक्ति को प्रदान करता है

बगदाना मंदिर के लिए जाने के लिए जानकारी

यह पवित्र मंदिर भावनगर से 80 km, तलाजा से 30 km और पालीताना से 40 km, अमरेली से 100 km, सोमनाथ से 197 km, राजकोट से 198 km और अहमदाबाद से 248 km ऐसे बड़े सिटी से दूर है यहाँ पर जाने के लिए आपको बस सेवा के कई विकल्प मिल जाते है, उसके आलावा यहाँ जाने के लिए बड़े रोड की कनैक्टिविटी है।

हवाई मार्ग से Bagdana Temple आने के लिए भावनगर हवाई मार्ग और राजकोट हवाई मार्ग के आलावा अहमदाबाद हवाई मार्ग की मदद से पोहोसा जा सकता है।

यह पर ट्रेन के माध्यम से जाने के लिए आपको बगदाना के पास सोनगढ़ रेलवे स्टेशन है यह स्टेशन तक़रीबंध बगदाना से 60 km के अंतर पर है और वहा से बस के माध्यम से पोहोसा जा सकता है।

Bagdana Temple का दर्शन का समय

वैसे Bagdana Temple के दर्शन आप 24 घंटे कर सके हो मगर आपको आरती का लाभ लेना है तो मंगला आरती 5:00 बजे सुबह के वक्त और यह आरती 5:30 तक चालू होती है। और राजभोग आरती का समय 11:45 AM है और संध्या आरती का समय संध्या के वक्त होता है, दिन में आप 3 बार आरती का लाभ ले सके हो।

बगदाना मंदिर की संक्षिप्त जानकारी

  • स्थल का पत्ता : श्री गुरु आश्रम बगदाना तालुका: महुवा, जिला भावनगर, राज्य- गुजरात , पिन- 964145
  • मोबाइल नंबर : 9909274427
  • ईमेल: [email protected]
  • वेबसाइट: bapasitaramtemple.org

निष्कर्ष

इस पोस्ट में हमने History of Bagdana Temple के जानकारी दी है जिसे आपको यह धार्मिक मंदिर का महत्व और यहाँ दर्शन करने के लिए जाने में जानकारी मिल सके, अगर आपको यह पोस्ट अछि लगी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर कीजिये, यह पोस्ट को पढ़ने के लिए और हमारे साथ indiakisafr.com के माध्यम से बने रहने के लिए आपका ध्यानवाद।

इसे भी पढ़े

FAQ

बगदाना मंदिर कहा स्थित है?

बगदाना मंदिर संत बजरंगदास बापा के मंदिर से प्रसिद्ध है, यह मंदिर बगदाना गांव, तालुका- महुवा और जिला भावनगर में स्थित है।

बगदाना मंदिर का प्रसाद समय क्या है?

बगदाना मंदिर के प्रसाद का समय 24 घंटे चालू होता है और यह मंदिर की सबसे बड़ी लोक प्रशिधि है।

बगदाना मंदिर का संपर्क नंबर क्या है?

बगदाना मंदिर का संपर्क आप उनके नंबर मोबाइल नंबर : 9909274427 के माध्यम से और ईमेल: [email protected] के माध्यम से मंदिर में संपर्क कर सकते है।

बगदाना मंदिर का दर्शन का समय क्या हैं?

वैसे मंदिर के दर्शन आप 24 घंटे कर सके हो मगर आपको आरती का लाभ लेना है तो मंगला आरती 5:00 बजे सुबह के वक्त और यह आरती 5:30 तक चालू होती है। और राजभोग आरती का समय 11:45 AM है और संध्या आरती का समय संध्या के वक्त होता है, दिन में आप 3 बार आरती का लाभ ले सके हो।

Hello Friends, My Name is Daksha. Here I work To Provide Traveling Tips And Information About The Best Places To Visit.

4 thoughts on “Bagdana Temple बगदाना मंदिर का इतिहास संपूर्ण जानकारी”

  1. I do believe all the ideas you’ve presented for your post. They are really convincing and will certainly work. Nonetheless, the posts are too short for novices. May just you please lengthen them a little from subsequent time? Thanks for the post.

    Reply

Leave a Comment