स्वागत है आपका जूनागढ़ की एक सुंदर यात्रा को पढ़ने के लिए, इस पोस्ट में आपको (Junagadh Tourist Places List With Photos) जूनागढ़ में घूमने लायक जगह के साथ फोटो के साथ आपको जूनागढ़ के सबसे लोक प्रिय जगह की जानकारी मिलने वाली हैं।
जूनागढ़ (Junagadh) गुजरात का एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपनी समृद्ध संस्कृति और वास्तुकला और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए देश में प्रसिद्ध एक पर्यटक स्थल है, यहाँ पर आपको मुख्य रूप से गिरनार पर्वत, प्राचीन किले और मंदिर के साथ राष्ट्रीय उद्यान देखने को मिलते है जो लोगो को यात्रा के लिए प्रेरित करते हैं।
जूनागढ़ शहर के रोचक तथ्य
जूनागढ़ गुजरात का एक ऐतिहासिक शहर होने के साथ जूनागढ़ के कुछ रोचक तथ्य है जो जूनागढ़ शहर को खास बनाते है।
- जूनागढ़ का अर्थ है पुराना किला
- जूनागढ़ कभी पाकिस्तान का हिस्सा बनने वाला था
- एशियाई शेर का एक मात्र घर हैं
- जूनागढ़ का किला 2300 साल पुराना हैं
- जूनागढ़ में गिरनार पर्वत में 10000 से अधिक सीढ़ियाँ हैं।
Table of Contents
Junagadh Tourist Places List With Photos
यहाँ पर हमने आपको जूनागढ़ के सबसे लोक प्रिय स्थान (Junagadh Tourist Places List With Photos) की जानकारी फोटो के साथ प्रदान की हैं, जिसे आप जूनागढ़ में घूमने लायक जगह की जानकारी ले सके।
महाबत मकबरा जूनागढ़

महाबत मकबरा जूनागढ़ (Junagadh) में स्थित हैं, यह मकबरा अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं, यह मकबरा इस्लामी हिंदू और यूरोपी शैलियों में बनाया गया है, उस वजह से यहाँ पर पर्यटक ज्यादा आकर्षित होते हैं।
महाबत मकबरा की स्थापना 1878 में नवाब खानजी के द्वारा बनवाने की शुरू आत की गई थी और उनके उत्तराधिकारी बहादुर खानजी के द्वारा 1892 में पूरा किया गया था, और इस मकबरा नवाब बहादुर खानजी और उनके परिवार के सदस्यों के कब्रों के लिए समर्पित किया गया था।
- स्थान का पता : महाबत मकबरा, मेंदरडा रोड, मूलवाड़ा, जूनागढ़
- स्थान का प्रकार : ऐतिहासिक मकबरा
- पर्यटक समय : सुबह के 9:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक
- पर्यटक शुल्क : शून्य
उपरकोट किला जूनागढ़

उपरकोट किला जिनागढ (Junagadh) का सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक भव्य किला है, उपरकोट किला की स्थापना मौर्य साम्राज्य के दौरान करीब 2300 वर्ष पूर्व की गई थी, चंद्रगुप्त मौर्य के वंशज ने इस किले को बनवाया था, उसके बाद इस किले पर कई आक्रमण हुवे लकिन यह किला सदियों से ऐसे बना रहा हैं।
उपरकोट किला की स्थापत्य कला को देखे तो किले की दीवारें 20 मीटर तक ऊंची बनाई हुवी हैं जो किले को सुरक्षित रखती हैं, यहाँ पर आपको मुख्य रूप से अड़ी-कड़ी की वाव, नवघण कुओं और बुध गुफा देखने को मिलती हैं, इस किले का द्वारा मजबूत और बेहद आकर्षक हैं और इस दरवाजे को कई बार पुन निर्माण किया गया हैं।
किले के ऊपरी भाग में आपको टोपे आज भी देखने को मिलती है जो आज भी इस किले को पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र बनाती है, किले के ऊपरी भाग से आपको पूरा जूनागढ़ शहर और गिरनार पर्वत का शानदार दृश्य देखने को मिलता हैं।
- स्थान का पता : उपरकोट किला, जूनागढ़
- स्थान का प्रकार : ऐतिहासिक किला
- पर्यटक समय : सुबह 8:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक
- पर्यटक शुल्क : भारतीय नागरिक के लिए ₹20 और विदेशी पर्यटक के लिए ₹200
गिरनार पर्वत जूनागढ़

गिरनार पर्वत गुजरात के जूनागढ़ (Junagadh) जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक पर्वत श्रृंखला है, यह स्थान हिंदू और जैन धर्म के लोगो के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है, गिरनार पर्वत एशिया के सबसे पुराने पर्वत में से एक माना जाता हैं और यह पर्वत अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्त्व और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध हैं।
गिरनार पर्वत 3660 फिट ऊँचा हैं, मीटर में देखे तो 1117 मीटर, और आपको गिरनार पर्वत की यात्रा करने के लिए 10000 से अधिक सीढ़ियों के मदद से आप पहुंच सकते हैं, हाला की यहाँ रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है जो एशिया का सबसे लंबा रोपवे है जिनकी लंबाई 2.3 किलोमीटर हैं।
गिरनार पर्वत की यात्रा आप सीढ़ियों की मदद से करते है तो आपको 4 से 6 घंटे लग सकते है, मगर आप रोपवे की मदद से गिरनार पर्वत की यात्रा करना चाहते है तो आपको 7 से 10 मिनट का सफर लग सकता है और रोपवे का किराया एक इंसान के लिए ₹400 हैं।
गिरनार पर्वत की साढाई के दौरान आपको मुख्य रूप से पर्यटक स्थल में दत्तात्रेय मंदिर, अंबा माता मंदिर, जैन मंदिर और वन्यजिव और प्रकृति के सुंदर दृश्य यहाँ आपको देखने को मिलता है, गिरनार पर्वत की यात्रा दोस्तों के साथ और परिवार के साथ जरूर से कर सकते है।
- स्थान का पता : गिरनार पर्वत, जूनागढ़
- स्थान का प्रकार : ऐतिहासिक और धार्मिक पर्वत
- पर्यटक समय : पूरा दिन
- पर्यटक शुल्क : शून्य (रोपवे का शुल्क लगता हैं)
अशोक शिलालेख जूनागढ़

अशोक शिलालेख जूनागढ़ (Junagadh) का एक ऐतिहासिक स्थल हैं, यहाँ आपको मुख्य रूप से सम्राट अशोक द्वारा लिखित ब्रह्मी लिपि में 14 प्रमुख शिलालेख उकेरे गए देखने को मिलता हैं, अशोक शिलालेख गिरनार पर्वत की तलहटी में स्थित है यह शिलालेख की स्थापना 273-232 ईसा पूर्व स्मार्ट अशोक के द्वारा स्थापना की गई थी।
अशोक शिलालेख की विशेषता को देखे तो यहाँ आपको अहिंसा, नैतिकता, धरम, दया, कल्याण जैसे प्रमुख विषयो पर उपदेश देखने को मिलता है इस में मुख्य रूप से आपको सम्राट अशोक के अलावा अन्य राजाओ के अभिलेख देखने को मिलता हैं, सम्राट अशोक, महाक्षत्रप रुद्रदामन और गुप्त सम्राट स्कंदगुप्त ने ब्राह्मी लिपि और संस्कृत भाषा में शिलालेख लिखा गया हैं।
- स्थान का पता : अशोक शिलालेख, तलेटी रोड, तबुड़ी वाव, मूलावाडा, जूनागढ़
- स्थान का प्रकार : ऐतिहासिक स्थल
- पर्यटक समय : सुबह के 8:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक
- पर्यटक शुल्क : शून्य
गिर राष्ट्रीय उद्यान जूनागढ़

गिर राष्ट्रिय उद्यान गुजरात के जूनागढ़ (Junagadh) ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है जिसे सासन गिर के नाम से भी जाना जाता हैं, गिर राष्ट्रीय उद्यान में आपको एशियाई शेर भी देखने को मिलता हैं, गिर राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1965 में की गई थी और इसका क्षेत्रफल की बात करे तो यह 1412 वर्ग किलोमीटर में फैला हुवा हैं।
- स्थान का पता : गिर राष्ट्रिय उद्यान, चित्रोडा, जूनागढ़
- स्थान का प्रकार : राष्ट्रिय उद्यान
- पर्यटक समय : सुबह के 6:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक
- पर्यटक शुल्क : गिर जंगल सफारी ( 4 सीटर ₹2500), (6 सीटर ₹3500), (8 सीटर ₹4500) और पढ़े गिर राष्ट्रीय उद्यान टिकट
सक्करबाग चिड़ियाघर जूनागढ़

सक्कर बाग चिड़ियाघर गुजरात के जूनागढ़ (Junagadh) में स्थित एक ऐतिहासिक और पर्यटकों बेहद ज्यादा पसंद आने वाला एक वन्यजीव और पक्षियों के लिए अभयारण्य है इस पार्क को सक्करबाग बायोलॉजिकल के नाम से भी जाना जाता हैं, इस अभयारण्य में भारत का सबसे पुराना 4 चिडिया घर हैं।
सक्करबाग बायोलॉजिकल पार्क की स्थापना 1863 में जूनागढ़ के नवाब महाबत खानजी द्वितीय के द्वारा कराइ गई थी, इस पार्क का क्षेत्रफल 200 हेक्टर एरिया में फैला हुवा हैं, यहाँ आपको नीलगाय, चीतल, मगरमच्छ और विभिन्न पक्षिया देखने को मिलता हैं।
- स्थान का पता : सक्कर बाग चिड़ियाघर, राजकोट रोड, जोशीपुरा, जूनागढ़
- स्थान का प्रकार : बायोलॉजिकल पार्क
- पर्यटक समय : सुबह के 9:00 बजे से दोहपर के 12:15 तक, शाम को 3:00 बजे से 6:00 बजे तक (गुरुवार के दिन बंध)
- पर्यटक शुल्क : भारतीय नागरिको के लिए ₹30 – ₹50, विदेशी पर्यटकों के लिए ₹100 – ₹200 ( कैमेरा शुल्क अलग लग सकता हैं)
जूनागढ़ संग्रहालय

जूनागढ़ (Junagadh) संग्रहालय जिसे दरबार हॉल संग्रहालय भी कहा जाता हैं, यह संग्रहालय नवाबो की विरासत और किला भी माना जाता है, जूनागढ़ के इस संग्रहालय की स्थापना नवाब महाबत खानजी 2 के शासनकाल के दौरान की गई थी, इस दरबार होल पहले नवाबो के लिए उपयोग में लिया जाता था आज के वक्त में इस संग्रहालय को पर्यटक के लिए खुला रखा गया हैं।
संग्रहालय का मुख्य आकर्षण देखे तो यहाँ पर आपको नवाबी शाही सिंहासन और दरबार हॉल, हथियारों और युद्ध उपकरणों का संग्रह, मीनाकारी और सोने-चांदी की कलाकृतियों, चित्रकला और फोटोग्राफी गैलेरी जैसी कई ऐतिहासिक चीजे आपको देखने को मिलती हैं।
- स्थान का पता : जूनागढ़ संग्रहालय, ताज मंज़िल बिल्डिंग, नगर रोड, दुरवेश नगर, जूनागढ़-362001
- स्थान का प्रकार : संग्रहालय
- पर्यटक समय : सुबह के 9:00 बजे से शाम के 3:00 बजे से 5:00 बजे तक (बुधवार के दिन बंध)
- पर्यटक शुल्क : भारतीय नागरिको के लिए ₹20 से ₹50, विदेशी पर्यटकों के लिए ₹100 से ₹200 ( कैमेरा शुल्क अलग लग सकता हैं)
दातार हिल जूनागढ़

दातार हिल जूनागढ़ (Junagadh) में गिरनार पर्वत के बाद सबसे लोकप्रिय स्थान हैं, दातार हिल अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व के साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, यह गिरनार पर्वत श्रेणी का एक हिस्सा भी हैं, दातार हिल समुद्र तल से लगभग 2779 फिट यानि 846 मीटर ऊँचाई पर स्थित हैं।
दातार हिल का महत्त्व देखे तो यहाँ पर आपको पीर दातार बाबा की दरगाह, गुरु दत्तात्रेय मंदिर के अलावा जैन मंदिर देखने को मिलता है जिनका बेहद ज्यादा धार्मिक महत्व हैं, उसके अलावा दातार हिल ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है, क्यों की आपको दातार हिल तक पहुँचने के लिए 3000 सीढियाँ का सफर करना पड़ता हैं।
दातार हिल से आपको जूनागढ़ शहर का नजारा के साथ गिरनार पर्वत का सुंदर नजारा देखने को मिलता है, उसके अलावा यहाँ आपको सूर्योदय और सूर्यास्त का सुंदर नजारा देखने को लिए मिलता हैं।
- स्थान का पता : दातार हिल, जूनागढ़,गुजरात
- स्थान का प्रकार : पर्वत और धार्मिक स्थान
- पर्यटक समय : पूरा दिन
- पर्यटक शुल्क : शून्य
भवनाथ मंदिर जूनागढ़

भवनाथ महादेव मंदिर जूनागढ़ (Junagadh) में गिरनार पर्वत की तलहटी में स्थित एक प्राचीन और पवित्र शिव मंदिर है, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित किया है, यह मंदिर महाशिवरात्रि मेले के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं, इस दौरान यहाँ पर आपको हजारो भक्तो की भीड़ देखने को मिलती हैं। उसके अलावा यह स्थान गिरनार पर्वत यात्रा का प्रारंभ स्थान हैं।
- स्थान का पता : भवनाथ महादेव मंदिर, गिरनार पर्वत तलहटी, जूनागढ़,गुजरात
- स्थान का प्रकार : धार्मिक स्थल
- पर्यटक समय : पूरा दिन
- पर्यटक शुल्क : शून्य
दामोदर कुंड जूनागढ़ (Junagadh)

दामोदर कुंड जूनागढ़ में गिरनार पर्वत की तलहटी पर स्थित एक पवित्र कुंड हैं, यह कुंड हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता हैं, यहाँ पर मुख्य रूप से पिंडदान, तर्पण और अस्थि विसर्जन करने के लिए श्रद्धालु यहाँ पर दूर दूर से यात्रा करके आते हैं, इस कुंड का विशेष महत्व इस लिए है की माना जाता है यह कुंड भगवन श्रीकृष्ण से जुड़ा हुवा हैं।
- स्थान का पता : दामोदर कुंड, जूनागढ़ (Junagadh), गुजरात
- स्थान का प्रकार : धार्मिक कुंड
- पर्यटक समय : पूरा दिन
- पर्यटक शुल्क : शून्य
जूनागढ़ (Junagadh) की यात्रा कैसे करे
जूनागढ़ (Junagadh) तक यात्रा करने के लिए आपको हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग के माध्यम से यात्रा करने के विकल्प मिल जाते हैं, जिसे आप पुरे भारत और विदेश से जूनागढ़ की यात्रा कर सकते है, आये विस्तृत में समज ते है की जूनागढ़ की यात्रा के लिए कैसे पहुँचे।
हवाई मार्ग के माध्यम से जूनागढ़ की यात्रा
हवाई मार्ग की मदद से जूनागढ़ तक पहुँच ने के लिए आपको राजकोट हवाई अड्डा की मदद से यात्रा कर सकते है, जूनागढ़ (Junagadh) से राजकोट हवाई अड्डा की दुरी 110 किलोमीटर है, उस वजह से आप हवाई मार्ग के माध्यम से जूनागढ़ तक यात्रा कर सकते है, उसके बाद आप राजकोट से जूनागढ़ की यात्रा बस के माध्यम से या टैक्सी की मदद से कर सकते है।
रेल मार्ग की मदद से जूनागढ़ की यात्रा
जूनागढ़ (Junagadh) में खुद का रेलवे स्टेशन है, जिसे आपको भारत के प्रमुख स्थान और शहर से आसानी से ट्रैन मिल जाती है, नजदीकी शहर जूनागढ़ से, राजकोट, जामनगर, अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहर हैं जिसे आपको आसानी से ट्रैन मिल जाती है, जूनागढ़ के लिए प्रमुख ट्रैन में आपको देखने को मिलती हैं।
- वेरावल एक्सप्रेस
- वेरावल इन्टेन्सिटी
- सौराष्ट्र जनता एक्सप्रेस
सड़क मार्ग की मदद से जूनागढ़ की यात्रा
जूनागढ़ (Junagadh) सड़क मार्ग की मदद से पुरे भारत के प्रमुख स्थान से जुड़ा हुवा है, सड़क मार्ग आपके लिए बेहद रोमांचक हो सकता है, सड़क मार्ग के माध्यम से आप बस सेवा और खुद के वाहन या टैक्सी की मदद से यात्रा कर सकते है।
जूनागढ़ से प्रमुख शहर की दुरी
शहर का नाम | शहर की दुरी सड़क मार्ग से |
राजकोट | 110.8 किलोमीटर, 2 घंटा 45 मिनट |
जामनगर | 141.2 किलोमीटर, 3 घंटा 18 मिनट |
अहमदाबाद | 309.7 किलोमीटर, 6 घंटा 30 मिनट |
भावनगर | 215.5 किलोमीटर, 4 घंटा 34 मिनट |
सोमनाथ | 93.8 किलोमीटर, 1 घंटा 42 मिनट |
वड़ोदरा | 363.7 किलोमीटर, 7 घंटा 27 मिनट |
सूरत | 525.1 किलोमीटर, 10 घंटा 10 मिनट |
जूनागढ़ का प्रख्यात भोजन
जूनागढ़ (Junagadh) केवल अपने ऐतिहासिक स्थलों और धार्मिक स्थानों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ आपको स्वादिष्ट गुजराती भोजन पर्यटकों को आकर्षित करता है, जूनागढ़ में आपको पारंपरिक गुजराती व्यंजनों से लेकर स्थानीय स्ट्रीट फ़ूड का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिलता है, तो आये देखे है जूनागढ़ का सबसे प्रसिद्ध भोजन और नास्ता
- रोटला
- सेव टमाटर की सब्जी
- आलू की मसाले दार सब्जी
- गुजराती कढ़ी
- दाल-भात
- छाछ
- खमण ढोकला
- दाल-ढोकली
- गंठिया
- थेपला
- मोहनथाल
- गुलाब पाक
- सुखड़ी
जूनागढ़ में ठहर ने के लिए क्या करे?

लक्ज़री होटल जूनागढ़
₹4000 – ₹10000
- Bellevue Sarovar Hotel
- Sarovar Portico Hotel

मध्यम श्रेणी के होटल जूनागढ़
₹3000 – ₹5000
- The Fern Leo Resort
- The Byke Suraj Hotel

आर्थिक होटल जूनागढ़
₹1000 – ₹2500
- Raivat In Hotel
- Hotel Platinum
यहाँ पर होटल की जानकारी केवल आपको जानकारी के लिए प्रदान की गई है, आप अपने हिसाब से रहने के लिए जूनागढ़ में जग़ह ढूंढ सकते हैं।
जूनागढ़ में कब यात्रा करे

अक्टूबर से मार्च (सर्दी का मौसम)
- तापमान 20°C से 30°C

अप्रैल से जून (गर्मी का मौसम)
- तापमान 35°C से लेकर 42°C

जुलाई से सितंबर (बरसात का मौसम)
- तापमान 25°C से 35°C
निष्कर्ष
जूनागढ़ की इस पोस्ट में हमने (Junagadh Tourist Places List With Photos) जूनागढ़ के प्रख्यात पर्यटक स्थल के नाम के साथ पर्यटक स्थल की जानकारी और फोटो प्रदान किया है, उसके अलावा यहाँ पर आपको जूनागढ़ की यात्रा कैसे करे वो सब जानकारी इस पोस्ट में प्रदान की हैं।
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FAQ
जूनागढ़ में सबसे प्रसिद्ध स्थान कौन से हैं?
जूनागढ़ में सबसे लोक प्रसिद्ध जगह में मुख्य रूप से महाबत मकबरा , उपरकोट किला, गिरनार पर्वत, अशोक शिलालेख, दामोदर कुंड जैसे कई प्रमुख स्थान हैं।
जूनागढ़ में गिरनार पर्वत पर कितनी सीढ़िया हैं?
गिरनार पर्वत पर 10,000 से अधिक सीढ़िया हैं।
गिरनार पर्वत की रोपवे की लंबाई कितनी हैं?
गिरनार पर्वत का रोपवे एशिया का सबसे लंबा रोपवे है जिनकी लंबाई 2.3 किलोमीटर हैं।